
जरमुंडी। डिग्री कॉलेज जरमुंडी में विश्वविद्यालय स्तर पर नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत हुए प्रमुख परिवर्तनों पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. निरंजन कुमार मंडल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
कार्यशाला में नई शिक्षा नीति समन्वयक श्री अमर शंकर महतो ने छात्रों और शिक्षकों को नीति में शामिल चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम, मल्टी-एंट्री व मल्टी-एग्ज़िट सिस्टम, कौशल विकास आधारित पाठ्यक्रम तथा शिक्षण-पद्धति में नवाचार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रवेश प्रभारी डॉ. आलोक कुमार सिन्हा ने नई नीति के क्रियान्वयन के दौरान आने वाली व्यावहारिक चुनौतियों और उनके समाधान पर प्रकाश डालते हुए छात्रों के पंजीकरण, पाठ्यक्रम चयन, मूल्यांकन प्रक्रिया और डिजिटल प्लेटफार्मों के उपयोग को सरल भाषा में समझाया।
इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक डॉ. नवीन कुमार एवं प्रो. रोहित कुमार तिवारी ने नई शिक्षा नीति के सकारात्मक प्रभावों और इसके सफल क्रियान्वयन की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
अपने संबोधन में प्रभारी प्राचार्य डॉ. मंडल ने कहा कि नई शिक्षा नीति केवल शैक्षणिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को स्वावलंबी और रोजगारोन्मुख बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बागवानी, तथा लैब आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे उदाहरण देकर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन की संभावनाओं को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में कॉलेज के अन्य शिक्षकगण, गैर-शिक्षण कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने कार्यशाला में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए नई शिक्षा नीति की बारीकियों को समझने का प्रयास किया।
अंत में प्रो. रोहित कुमार तिवारी ने सभी अतिथियों, वक्ताओं तथा प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी को शुभकामनाएं दीं।