
हरियाणा की एक अदालत ने जासूसी के एक गंभीर मामले में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की पुलिस रिमांड चार दिन के लिए बढ़ा दी है। हिसार की रहने वाली 33 वर्षीय मल्होत्रा को पिछले सप्ताह पाकिस्तान स्थित खुफिया नेटवर्क से कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था।
बीते पंद्रह दिनों में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से इस मामले में कुल 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। ज्योति मल्होत्रा को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन इलाके से गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ सरकारी गोपनीयता अधिनियम (Official Secrets Act) और भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और सैन्य खुफिया एजेंसियां शामिल हैं। इन एजेंसियों ने मल्होत्रा की संचार गतिविधियों और वित्तीय रिकॉर्ड की गहन जांच की है। पुलिस के अनुसार, अब तक कोई ऐसा ठोस प्रमाण नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि मल्होत्रा को रक्षा या सैन्य से जुड़ी गोपनीय जानकारी तक पहुंच थी, लेकिन उनके पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों के संपर्क में होने की पुष्टि हुई है।
बताया गया है कि मल्होत्रा नवंबर 2023 से एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश नामक व्यक्ति के संपर्क में थीं, जो पाकिस्तान उच्चायोग का एक कर्मचारी था और 13 मई को जासूसी गतिविधियों के आरोप में भारत से निष्कासित कर दिया गया। जांच एजेंसियों को संदेह है कि मल्होत्रा को विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा “एसेट” के रूप में तैयार किया जा रहा था। इसके तहत उनके पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश समेत अन्य देशों के दौरे की भी जांच की जा रही है।
अदालत ने रिमांड अवधि बढ़ाते हुए कहा कि जासूसी जैसे गंभीर और जटिल मामलों में विस्तृत जांच आवश्यक है। कोर्ट ने मल्होत्रा के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वित्तीय लेन-देन की फॉरेंसिक जांच को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे उनकी भूमिका की गहराई तक पहुंचने में मदद मिलेगी।
कोर्ट के इस निर्णय के तहत जांच एजेंसियों को आगे की पूछताछ और तकनीकी विश्लेषण के लिए चार दिन का और समय मिल गया है। अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए गहन और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की जरूरत पर बल दिया।