गोढ़ी विवाह भवन की बंदोबस्ती की प्रक्रिया के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ पराशर का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी
सांसद ने कहा: गरीब जनता के लिए 4 करोड़ की लागत से बनवाया है यह भवन, नहीं बनेगा कमाई का साधन

गोड्डा। नगर परिषद द्वारा गोढ़ी विवाह भवन की 20 वर्ष के लिए बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू होने के खिलाफ जनमानस सुलग रहा है। प्रस्तावित बंदोबस्ती के खिलाफ युवा सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ पराशर उर्फ बच्चू झा इस कड़ाके की ठंड में भी 10 जनवरी से अशोक स्तंभ पर आमरण अनशन पर डटे हुए हैं। आमरण अनशन के दूसरे दिन भी नगर परिषद एवं प्रशासन ने संवेदनहीनता का परिचय देते हुए अनशन समाप्त कराने की दिशा में कोई पहल नहीं किया। वहीं इस मुद्दे पर स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे भी खुलकर सामने आ गए हैं। बुधवार को उन्होंने अपने सोशल मीडिया फेसबुक वॉल पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि “यह भवन गोड्डा की गरीब जनता के लिए 4 करोड़ के व्यक्तिगत मदद से मैंने बनवाया है। यह पैसा कमाई का साधन नहीं बनेगा।”
सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ पराशर उर्फ बच्चू झा ने 10 जनवरी को अपराह्न दो बजे से नगर परिषद कार्यालय के बगल में स्थित अशोक स्तंभ पर आमरण अनशन शुरू किया। जबकि उसी दिन अपराह्न 3 बजे से गोढ़ी विवाह भवन की बंदोबस्ती के लिए डाक की प्रक्रिया प्रारंभ होने का समय निर्धारित था। कारण आमरण अनशन रहा हो या प्रक्रिया में खामी, नगर परिषद द्वारा डाक की तिथि बढ़ाकर अब 19 जनवरी कर दी गई है।जाहिर है नगर परिषद गोढ़ी विवाह भवन का बंदोबस्ती कराने के लिए अडिग है। जबकि सांसद का कहना है कि यह भवन उन्होंने गोड्डा के गरीबों के लिए बनवाया है, इस भवन को कमाई का साधन बनने नहीं देंगे।
शहरी लोगों का एक तबका भी बंदोबस्ती के खिलाफ है।बंदोबस्ती के खिलाफ राय रखने वाले लोगों का कहना है कि विवाह भवन बंदोबस्त हो जाने पर शादी विवाह या अन्य मौकों पर विवाह भवन बुक कराने पर भारी-भरकम राशि अदा करना होगा। नगर परिषद द्वारा बंदोबस्ती के लिए निर्धारित शर्त में यह उल्लिखित है कि डाक बोलने से पूर्व सुरक्षित जमा राशि के रूप में 50 लाख रुपए जमा करना होगा। डाक की बोली 5 लाख रुपए से शुरू होगी।
हाड़ कंपाने वाली एवं खून जमा देने वाली इस कड़ाके की ठंड में सामाजिक कार्यकर्ता सौरभ पाराशर उर्फ बच्चू झा पिछले करीब 30 घंटे से अशोक स्तंभ पर आमरण अनशन कर रहे हैं। श्री पराशर ने खुले आसमान के नीचे आमरण अनशन शुरू किया था, लेकिन ठंड को देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अमित राय की अगुवाई में अनशन स्थल पर मंगलवार की देर शाम टेंट लगाने का काम किया गया। लेकिन जिला प्रशासन या नगर परिषद की ओर से अनशन समाप्त कराने की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। इससे नगर परिषद या जिला प्रशासन की संवेदनशीलता का पता चल जाता है। अलबत्ता, आमरण अनशन के दूसरे दिन एक चिकित्सक ने अनशन कारी का स्वास्थ्य मुआयना किया।
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