देवघर स्कूल ओलंपिक गेम्स देवघर के स्कूली बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होगा : सुनील खवाड़े 

खेल मानव के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही बेहतरीन टाॅनिक : सुनील खवाड़े 

5 से 7 जनवरी तक देवघर में लगेगा खेल का महाकुंभ 

कुल 1200 खिलाड़ियों के बीच 558 मैडल के लिए होगी प्रतिस्पर्धा

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देवघर। बाबा बैद्यनाथ की पावन भूमि देवघर में पहली बार 5 जनवरी से 7 जनवरी तक होने वाले ‘देवघर स्कूल ओलंपिक गेम्स’ को आयोजन समिति के अध्यक्ष सह समाजसेवी सुनील खवाड़े ने  ‘न भूतो न भविष्यति’ बतलाते हुए कहा कि यह आयोजन को देवघर के स्कूली बच्चों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। श्री खवाड़े ने इस आयोजन के लिए डीएसए के आशीष झा सहित पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस गेम्स से न सिर्फ छुपी हुई खेल प्रतिभा बाहर आयेगी बल्कि इस प्रयास से देवघर को सांस्कृतिक राजधानी के मुहीम को भी बल मिलेगा। 
श्री खवाड़े ने बतलाया कि देवघर स्कूल ओलंपिक गेम्स का ओपनिंग सेरेमनी भी देवघर के खेल इतिहास के लिए एक गर्व का क्षण होगा, क्योंकि मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, कुमैठा, देवघर में 5 जनवरी को ढाई बजे से शुभारंभ होने वाले इस गेम्स में बतौर विशिष्ट अतिथि लॉन बॉल के कॉमनवेल्थ गेम्स के मेडलिस्ट उपस्थित रहेंगे। 
श्री खवाड़े ने लोगों से खेल को रूटीन बना कर जीवन में शामिल करने का अनुरोध करते हुए कहा कि खेल हमारे सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही बेहतरीन टाॅनिक है। खेल हमारे जीवन में शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यदि हम प्रतिदिन खेल खेलते हैं तो वह हमारे मानसिक कौशल को विकसित करता है। वह हमारे मनोवैज्ञानिक कौशल में भी सुधार लाता है। खेल से हमें प्रेरणा, साहस, अनुशासन और एकाग्रता मिलती है। 

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