बंपर जीत के बाद भी भाजपा में किस बात को लेकर है चिंता

मथुरा वृंदावन महापौर और कोसी नगरपालिका अध्यक्ष पद पर मिली है बड़ी जीत

संवादाता-पी.के आर्यन/ मथुरा। निकाय चुनावों के परिणाम आने के बाद कान्हा की नगरी भगवा रंग में रंगी हुई है। मथुरा वृंदावन नगर निगम में मेयर पद पर भाजपा प्रत्याशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को एक लाख से भी अधिक मतों से पराजित किया है। वहीं कोसी नगर पालिका में भी भाजपा की बडी जीत हुई है। बावजूद इसके पार्टी में चिंता है। इन दो प्रतिष्ठित सीटों पर मिली जीत ने उस ओर से लोगों का ध्यान हटा दिया है जहां पार्टी का प्रदर्शन उतना बेहतर नहीं रहा है जीतने की उम्मीद थी। नगर निगम वार्ड चुनावों में भी भाजपा को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिले हैं। मथुरा भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन चुका है। सांसद, एमएलसी, सभी विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष से लेकर तमाम जिला पंचायत अध्यक्ष पद भाजपा की झोली में हैं। मथुरा जिले में इसके अलावा 13 नगर पंचायत भी हैं। इनमें से पार्टी के खाते में सिर्फ चार सीट ही आई हैं। वहीं नौ पर उसे हार का सामना करना पडा है। कई जगह पार्टी को हार भी सम्मान जनक नहीं मिली है। राया नगर पंचायत में पार्टी अधिकृत प्रत्याशी चौथे नम्बर पर रहा है। भाजपा फरह, राधाकुंड, सौंख के अलावा गोकुल में ही नगर पंचायत चुनाव जीत सकी है। गोकुल में संजय दीक्षित ने लगातार दूसरी बार नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की है। वहीं बरसाना, नंदगांव, बलदेव, गोवर्धन और महावन में पार्टी को बड़ी जीत की उम्मीद थी जहां हार मिली है। गोवर्धन, बलदेव, राया, बाजना, चौमुंहा और महावन में निर्दलीय प्रत्याशियों के सामने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी टिक नहीं सके। वहीं इस बार आम आदमी पार्टी भी नगर पंचायत चुनावों में खाता खोलने में कामयाब रही है। बरसाना नगर पंचायत में आम आदमी पार्टी जीत हासिल की है। जबकि नंदगांव में रालोद, छाता में बसपा के अधिकृत प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं।

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