राज्य में धान के साथ मछली पालन से बढ़ेगी पैदावार, कम लागत में किसानों को होगी लाखों की कमाई 

आश नारायण मिश्र, पटना I केंद्र की सरकार इसी वादे के साथ सत्ता में आई थी कि वे किसानों की आय दुगुनी करेगी ।जिसके लिए केंद्र की सरकार ने कई योजनाओं के साथ किसानों को एमएसपी ,किसान सम्मान ,नैनो यूरिया ,निम कोटेड यूरिया ,ड्रोन से कम लागत में खेतों में दवा एवं खाद का छिड़काव ,के साथ नई -नई तकनीक एवं वैज्ञानिक अनुसंधान कर खेती की लागत मूल्य कम करने का प्रयास कर रही है ।जिसमें राज्य सरकार की  महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।
किसान खेती के नए तरीके को अपनाकर लगातार बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं । साथ ही इन नए तरीकों से पैदावार भी अच्छी होती है ।बता दें कि देश के अधिकतर हिस्सों में रबी की फसल के कटने के बाद अब खरीफ के फसल की बुआई शुरू होगी ।
कई किसान जहां पारंपरिक खेती करते हैं, तो वहीं कुछ किसान खेती में नए तरीके को आजमाते है । मालूम हो कि खरीफ के सीजन की धान मुख्य फसल है ।

कई जगहों पर धान के साथ मछली की होती हैं खेती
राज्य में ऐसे कई जगह है, जहां धान के साथ मछली की खेती होती है । बताया जाता है कि खास तौर पर कोसी के क्षेत्र में धान के साथ ही मछली की खेती की जाती है । धान की एक ऐसी फसल होती है । जिसमें खूब पानी की जरूरत होती है । बाहर के देशों में भी इस तरह की खेती की जाती है । इससे किसानों को बढ़िया कमाई हो सकती है । धान के जड़ों में कई तरह के कीट भी लग जाते है । इन्हें खाकर मछली इन्हें नष्ट कर देती है । इससे किसी प्रकार के कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती है ।


धान की फसल में खूब पानी की  होती हैं जरूरत
राज्य में ऐसे कई जगह है, जहां धान के साथ मछली की खेती होती है । बताया जाता है कि खास तौर पर कोसी के क्षेत्र में धान के साथ ही मछली की खेती की जाती है । 
धान के जड़ में कम से कम तीन इंच पानी जमा रहने से धान की फसल अच्छी होती है ।और यदि उसके साथ मछली पालन भी किया जाय तो किसानों को काफी लाभ होने की उम्मीद की जाती है क्योंकि जिस जमीन में बरसात के दिनों में लंबे वक्त तक पानी जमा रहता है उसमें धान के साथ -साथ मछली की फसल भी वेहतर होती है 
और धान की फसल किट से मुक्त भी रहता है ।
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