
रक्सौल अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर इस दौरान यात्रा में विभिन्न संगठन के दर्जनों सदस्य मौजूद रहे। कांवर यात्रा का नेतृत्व चूरे व वन संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक सुनिल कुमार कर रहे थे। संगठन के सदस्यों ने सरिसवा नदी से गंदा जल भरकर कांवर यात्रा के माध्यम से नेपाल की राजधानी काठमांडू जाकर समाप्त होगी। कांवर यात्रा को संबोधित करते हुए सुनिल कुमार ने बताया कि नेपाल के उद्योग करखानों से निकलने वाली गंदा पानी के कारण सरिसवा नदी का जल प्रदूषित हो गया है। सरिसवा नदी को प्रदूषण मुक्त करने को ले पूर्व मे भी शहर के सामाजिक संगठनों के सदस्यों के द्वारा स्थानीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौपा गया था। इसके बाद करखानों के पानी बंद नहीं होने के कारण सरिसवा नदी का जल प्रदूषित हो गया है, जो नदी पूर्व में जीवनदायिनी थी. लेकिन वही नदी आज प्रदूषित होकर लोगों की जान ले रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ठ कराने को लेकर मैत्री पुल स्थित सरिसवा नदी से जल भरकर कांवर यात्रा के माध्यम से नेपाल के बीरगंज होते हुए काठमांडू तक निकाला गया है, जो काठमांडू स्थित नेपाली कैबिनेट ऑफिस सिंह दरबार के पास प्रदर्शन के बाद ज्ञापन के साथ समाप्त होगी। मौके पर प्रवक्ता हरि श्रेष्ठ, निरजा कुशवाहा, झुलन पासवान, मदिना खातुन, जीरझीर देवी, फेंकनी देवी, ममिना खातुन, तेतरी खातुन, अभिराज कुमार यादव, नंदा प्रसाद सहित अन्य लोग शामिल थे।