विश्व के मानकों को जहन में रखकर सरकारी स्कूलों में दी जा रही है ऑनलाइन शिक्षा:अनुपमा

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कुरुक्षेत्र (दलबीर मलिक)I  स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग चंडीगढ़ की अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं कुरुक्षेत्र जिले की प्रशासनिक सचिव जी अनुपमा ने कहा कि विश्व स्तर के मानकों को जहन में रखकर राजकीय स्कूलों में बच्चों को ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से शिक्षित करने का काम किया जा रहा है। इस प्रकार से बच्चों को शिक्षित करने का यह पहला सराहनीय कदम है और आने वाले समय में निश्चित ही राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी सबसे अव्वल रहेंगे।
एसीएस जी अनुपमा सोमवार को राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल कुरुक्षेत्र का निरीक्षण करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रही थी। इससे पहले एसीएस जी अनुपमा और उपायुक्त शांतनु शर्मा ने राजकीय मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल की साइंस, गणित, जीव विज्ञान प्रयोगशालाओं के साथ-साथ विभिन्न कक्षों का बारीकी से अवलोकन किया और सेमिनार कक्ष में सुपर 100 विद्यार्थियों की चल रही आनलाइन कक्षा का अवलोकन किया और प्रयोगशालाओं के साथ-साथ सेमिनार में बच्चों से भी बातचीत कर फीडबैक ली। इतना ही नहीं ऑनलाइन प्रणाली से बच्चों को अंग्रेजी विषय पढ़ाने वाली शिक्षिका से भी बातचीत की और बच्चों को ओर अधिक अच्छे तरीके से पढ़ाने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। एसीएस ने कहा कि राजकीय स्कूल कुरुक्षेत्र में सुपर 100 बच्चों को वर्चुअल तरीके से बेहतरीन शिक्षा दी जा रही है। इस कक्षा में फतेहाबाद और भिवानी से ऑनलाइन जुडक़र काफी सवाल पूछे गए और बच्चों ने पूरे उत्साह और आत्म विश्वास के साथ सभी प्रश्नों का जवाब दिया। इससे स्पष्टï होता है कि राजकीय स्कूलों में बच्चों को विश्व स्तर के मानकों को जहन में रखकर शिक्षित किया जा रहा है ताकि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे आने वाले समय में सभी प्रकार की प्रयोगितात्मक परिक्षाओं के लिए तैयार हो सके।
उन्होंने कहा कि राजकीय स्कूल की कम्पयूटर लैब में हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। यह कंप्यूटर लैब अच्छे प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतरीन है। राज्य सरकार का पूरा फोकस है कि राजकीय स्कूलों में बच्चों को अच्छी से अच्छी शिक्षा और हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। एसीएस ने बच्चों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ खेलों पर भी अपना पूरा ध्यान देना चाहिए, जो विद्यार्थी खेलकूद गतिविधियों में भाग लेंगे, उन विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होगा और आत्मविश्वास भी पैदा होगा।

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