अस्पतालों में बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति एवं आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों को लेकर किया गया मॉकड्रील

देवघर। मंगलवार को कोरोना वायरस (कोविड-19) के नये वेरियंट बीएफ .7 के रोकथाम व तैयारियों को लेकर सदर अस्पताल देवघर में मॉकड्रील किया गया एवं इसके माध्यम से कोरोना से निबटने की तैयारियों को परखा गया। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ0 युगल किशोर चौधरी की उपस्थिति में प्रशिक्षित चिकित्सकों की टीम एवं संबंधित अधिकारियों की टीम द्वारा ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति, कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों को आईसोलेट करने एवं उनका ईलाज करने व बेड की उपलब्धता आदि का मॉकड्रील किया गया। साथ हीं वहां के आसपास के क्षेत्रों में संभावित और चिन्हित मरीज के मद्देनजर विभिन्न तैयारियों और व्यवस्थाओं को लेकर पूर्वाभ्यास भी किया गया। इस दौरान मॉक ड्रील के माध्यम से जाना गया कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज पाए जाने पर मरीज को उसके घर अथवा अस्पताल से किस प्रकार कोरोना से संबंधित इलाज हेतु आईसोलेशन सेंटर ले जाकर आइसोलेट किया जाय एवं उसका ईलाज प्रारंभ किया जाय। इसमें क्या-क्या सावधानी बरतनी है, इसकी भी विस्तृत जानकारी दी गयी। साथ हीं सैनीटाइज करने, मास्क, टोपी आदि से एहतियात बरतने की जानकारी भी स्वास्थ्य कर्मियों को दी गयी।
इसके अलावा चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मॉक ड्रिल के माध्यम से आवश्यक तैयारियों के अलावा किस तरह से वह संदिग्ध मरीजों को रिसीव कर वार्डों में ले जाएंगे। वार्ड में भर्ती मरीजों को भोजन, दवा देने व परीक्षण में क्या एहतियात बरतना होगा। इतना ही नहीं बीमार लोगों का नमूना लेने, उसे पैक करने और भेजने आदि की भी जानकारी दी गयी। साथ हीं कोरोना टीम व वार्डों में प्रतिनियुक्त लोगों को कौन-कौन से कपड़े पहनेंगे, कपड़ों को स्टेप वाइज कैसे उतारेंगे और किस तरह उसे नष्ट करेंगे आदि के बारे में भी बतलाया गया। साथ ही जिले में यदि कोई भी संक्रमित मरीज से संबंधित मामला सामने आता है तो किसी भी परिस्थिति में संक्रमित व्यक्ति के त्वरित उपचार हेतु सभी आवश्यक तैयारियांें का मॉकड्रील किया गया, ताकि आवश्यकता पड़ने पर किसी प्रकार की कठिनाईयों का सामना न करना पड़े। ज्ञात हो कि मॉक ड्रिल मात्र कोरोना संक्रमण से उपजी संभावित परिस्थितियों को लेकर तैयारियों से संबंधित था। इसके लिए भयाक्रान्त होने जैसी कोई बात नहीं है। वहीं मॉकड्रील का प्रदर्शन कर चिकित्सकों व मेडिकल स्टाफ को बतलाया गया कि कोरोना संक्रमित मरीज का किस तरह इलाज करना है एवं इसके लिए क्या-क्या आवश्यक तैयारियां की जानी है।
इसके अलावा सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी द्वारा स्वास्थ्य कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा व बचाव की भी जानकारी दी गयी एवं निदेशित किया गया कि किसी भी कोरोना वायरस के संक्रमित अथवा संदिग्ध मरीज के ईलाज प्रारंभ करने के पूर्व चिकित्सकों की टीम द्वारा सभी एहतियाती उपाय बरतते हुए ईलाज प्रारंभ किया जाय, ताकि मरीज का ईलाज करने वाले चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वायरस के चपेट में न आयें और इससे स्वयं को सुरक्षित रखते हुए मरीजो का ईलाज कर सके।
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