जाति प्रमाण पत्र को पेंडिंग रखने के मामले पर उपायुक्त ने सीआई को दिया शो कॉज करने का निर्देश

देवघर। जिला दंडाधिकारी मंजुनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार से टॉक टू डीसी ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान जिले के सभी दसों प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी व 187 से अधिक सीएससी केंद्रों के माध्यम से जिले के विभिन्न पंचायत के लोगों ने उपायुक्त से ऑनलाइन मुलाकात कर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान ऑन द स्पॉट कई लोगों की समस्याओं का समाधान उपायुक्त द्वारा किया गया। आगे कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने जिला व प्रखण्ड स्तर के अधिकारियों को निदेशित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ योग्य लाभुकों को मिले। इसका विशेष रूप से ध्यान रखें, ताकि योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सके। साथ ही राशन, पेंशन, दिव्यांग प्रमाण पत्र, विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को पेंशन मिल रहा है या नहीं आदि के अलावा पंचायत भवन की स्थिति, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, बाल विकास परियोजना कार्यालय, प्रखण्ड व अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया जायेगा। ऐसे में आवश्यक है कि जिला, प्रखण्ड व पंचायत स्तर के अधिकारी व कर्मचारी जमीनी स्तर पर मेहनत से कार्य करें, अन्यथा कार्य में कोताही व अनुशासनहीनत बरतने वाले कर्मियों व अधिकारियों पर प्रशासनिक एवं कानुनी कार्रवाई की जायेगी। आगे उपायुक्त ने वर्ष 2022 के अंतिम टॉक टू डीसी कार्यक्रम में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि अंतिम पायदान के अंतिम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ व समस्याओं का निराकरण घर बैठे किया जा सके
कार्यक्रम के दौरान देवघर प्रखण्ड के कोंकरीबांक पंचायत के राजन कुमार मंडल द्वारा जानकारी दी गयी कि उनका जाति प्रमाण का कई दिनों से पेंडिंग है अंचल कार्यालय जाने के पश्चात उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। ऐसे में मामले का संज्ञान में लेते हुए उपायुक्त ने सीआई के पास पेंडिंग आवेदन को लेकर अंचलाधिकारी को संबंधित कर्मी पर शो कॉज करने का निर्देश दिया। साथ ही देवघर अंचल कार्यालय के कार्य प्रणाली पर रोश प्रकट करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अंचलाधिकारी को अंचल कार्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने व बेहतर करने का निर्देश दिया। साथ ही उपायुक्त ने कहा कि जनता की सेवा सुनिश्चित कराने के लिए सेवा का अधिकार अधिनियम लागू किया गया है। ऐसे में जिले के सभी अंचलाधिकारी व उन्हें अधीनस्थ कर्मचारियों अपनी कार्यशैली को बेहतर करते हुए कार्य करे, ताकि आम जनमानस को कार्यालय का चक्कर या समस्या का सामना न करना पड़े। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा 56 सेवाओं को अधिनियम के दायरे में शामिल किया है। इसमें अंचल व प्रखंड कार्यालयों में निर्गत किए जाने वाले जाति, आय, आवासीय प्रमाण-पत्र, विद्युत आपूर्ति, टेलीफोन बिल, ड्राइविंग लाइसेंस, विधवा पेंशन को शामिल किया गया है। इस कानून के तहत निर्धारित सेवा अवधि में जनता को सेवा उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में 500 रुपए से 5 हजार रुपए तक जुर्माना और कड़ी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। ऐसे में लोगों का निर्धारित समय पर काम हो और उन्हें कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े इसका विशेष रूप से ध्यान रखें। ऐसे में जिले के संबंधित अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने कार्यप्रणाली में सुधार लाए अन्यथा तो आवश्यक कार्रवाई के अलावा जुर्माना वसूली का आदेश भी जारी किया जाएगा। साथ ही समय पर सेवा उपलब्ध न करवाने वाले विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देशित करते हुए कहा कि सेवाओं के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को संतुष्ट करने के साथ हर विभाग को रद्द किए जाने वाले आवेदनों की संख्या घटाने की आवश्यकता है। आगे उन्होंने कहा बिना वजह के ऐसा करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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