
दुमका: दुमका जिला के स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध कर्मियों ने 32 से 42 माह के ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) अंशदान के बकाये को लेकर सांसद नलिन सोरेन से मदद की गुहार लगाई। कर्मियों का कहना है कि उनके मानदेय से कटौती की गई राशि अब तक उनके ईपीएफ पासबुक में जमा नहीं की गई है। इस समस्या को लेकर कर्मियों ने सांसद के आवास काठीकुंड में एक लिखित आवेदन सौंपा।
सांसद का त्वरित कदम: जल्द मिलेगा समाधान का आश्वासन
सांसद नलिन सोरेन ने कर्मियों की समस्या सुनने के बाद तुरंत दुमका के सिविल सर्जन बच्चा सिंह से बात की। सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि पूजा से पहले सभी बकाया कर्मचारी अंशदान की राशि ईपीएफ पासबुक में जमा कर दी जाएगी। इस मौके पर दुमका जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती जोयेस बेसरा भी उपस्थित रहीं।
क्या है समस्या:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों का 32 से 42 माह का ईपीएफ अंशदान अभी तक जमा नहीं हुआ है। यह समस्या साल 2015 से 2022 के बीच की है, जिसमें कर्मियों के मानदेय से कटौती की गई राशि सिविल सर्जन कार्यालय में जमा की गई, लेकिन यह उनके ईपीएफ खाते में स्थानांतरित नहीं की गई। अनुबंध कर्मियों का कहना है कि ईपीएफ पासबुक में अभी तक उनकी कटौती का कोई भी रिकॉर्ड नहीं दिख रहा है, जिससे उन्हें नियोक्ता अंशदान का भी नुकसान हो रहा है।
अनुबंध कर्मियों का संघर्ष:
करीब दो वर्षों से अनुबंध कर्मी इस समस्या के समाधान के लिए सिविल सर्जन कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया। कर्मियों ने बताया कि उनकी बकाया राशि लगभग चार से पांच करोड़ रुपये तक हो सकती है, जो अब तक उनके खातों में नहीं पहुंची है। यह उनके भविष्य और वित्तीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है।
सांसद से मदद की अपील:
अनुबंध कर्मियों ने सांसद नलिन सोरेन का उनके हक और अधिकारों के लिए खड़े होने पर धन्यवाद किया। इस मौके पर जुली कांति मुर्मू, नेल्सेंट टुडू, ललिता मुर्मू, ज्योति बास्की, और अन्य कर्मियों की उपस्थिति रही। सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों के लिए आवाज उठाई और ईपीएफ अंशदान जमा होने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही।
निष्कर्ष:
स्वास्थ्य विभाग के अनुबंध कर्मियों की ईपीएफ अंशदान की समस्या पर जल्द ही समाधान की उम्मीद है। सांसद नलिन सोरेन द्वारा त्वरित कार्रवाई ने अनुबंध कर्मियों को राहत दी है, और सभी की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि पूजा से पहले उनका बकाया राशि उनके खातों में कब जमा होगी।