
देवघर। श्री अयोध्याधाम (उत्तर प्रदेश) में 44 वें निः शुल्क अंतराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म अध्यात्म महाकुंभ 3-4 दिसम्बर 22 शनिवार रविवार के ज्योतिष धर्म अध्यात्म महाकुंभ में 13 भारत के विभिन्न अखाड़ों के ‘महामंडलेश्वर’ स्वामी श्री अयोध्या धाम के श्री पीठ श्री लक्ष्मण किला के मंदिर प्रांगण में सिद्ध योग मठ अखाड़ा मठ के पीठाधीश्वर ब्रह्मर्षि 1008 श्री बालयोगी ‘महामंडलेश्वर’ स्वामी सभी महामंडलेश्वरों तपस्वी साधु साधु संतों और ज्योतिष विद्वानों के मध्य गीता जयंती समारोह पर शुभ मार्गशीर्ष शुक्ल पक्षे एकादशी को महर्षि डा० जे० जाह्नवी राज़-ज्योतिष को महामंडलेश्वर के वस्त्र धारण करा मनोनयन पत्र दें, ‘महामंडलेश्वर’ घोषित किए गए। बिहार और झारखंड के पहले ‘महामंडलेश्वर’ सम्मान से सम्मानित किए गए।
44 वें निः शुल्क अंतराष्ट्रीय ज्योतिष धर्म -अध्यात्म महाकुंभ में बहुत अधिक पंजीयन थें, लेकिन शादी विवाह ,लग्न के कारण मात्र 217 ज्योतिष दैवज्ञ विद्वानों पघारें।श्री लक्ष्मण किला 52 बीघा के परिसर में सम्मेलन, भोजन व आवास साथ महर्षि वाल्मीकि सम्मान मय शेषनाग उपाधि,अंग वस्त्र,शाल टोपी, श्री सुन्दर काण्ड ,2023के कैलेंडर की दें सम्मानित किए गए। इंडियन एस्ट्रोलाजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट इंडिया (पंजी) रांची, जसीडीह, देवघर-वैधनाथधाम, झारखंड, भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष- डॉ महर्षि जे० जाह्नवी ‘राज़-ज्योतिष’ अधिवक्ता ने संस्थान की ओर से भारत के विभिन्न राज्यों के 11 विशिष्ठ विद्वानों को ‘लाईफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड’ मैमेटो दें, महामंडलेश्वर स्वामियों के कर कमलों द्वारा सम्मानित किए !
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