
दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में दो दिवसीय स्कूल इनोवेशन प्रतियोगिता का आयोजन
दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज (झारखंड सरकार द्वारा स्थापित और पीपीपी के तहत टेक्नो इंडिया द्वारा संचालित) ने एमआईसी, भारत सरकार द्वारा निर्धारित दो दिवसीय ऑनलाइन स्कूल इनोवेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में देशभर के प्रतिष्ठित स्कूलों के छात्रों ने 18 और 19 फरवरी 2025 को कॉलेज परिसर में भाग लिया।
इस अवसर पर इनोवेशन डायरेक्टर, एमओई इनोवेशन सेल, योगेश ब्राह्मणकर और सहायक नवाचार निदेशक, एमओई इनोवेशन सेल, डॉ. एलंगोवन करिअप्पन ने अपने विचार साझा किए।
देशभर में इस ऑनलाइन प्रतियोगिता के लिए 15 नोडल केंद्रों का चयन किया गया, जिसमें दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल रहा। टेक्नो इंडिया समूह के उपाध्यक्ष मोहित चट्टोपाध्याय ने कहा कि इनोवेशन प्रगति का आधार है और स्कूली छात्रों की प्रतिभा व रचनात्मकता सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता युवा क्षमताओं को बढ़ावा देने और स्कूलों में नवाचार संस्कृति विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
कॉलेज के निदेशक डॉ. सुदीप्ता चक्रवर्ती ने कहा कि हर छात्र में इनोवेटर बनने की क्षमता होती है और यह प्रतियोगिता उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करती है। नैक और एनबीए कोऑर्डिनेटर अमरीक बसाक ने इसे छात्रों में रचनात्मकता और समस्या समाधान कौशल विकसित करने का बेहतरीन अवसर बताया।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गणेश शंकर ने कहा कि यह नवाचार प्रतियोगिता छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करने का प्रयास है। संस्थान ने इस पहल का आयोजन एआईसीटीई के सभी मानदंडों के तहत किया है। उप-प्राचार्य डॉ. रतन कुमार बोस ने बताया कि ऑनलाइन पिचिंग सत्र छात्रों की कड़ी मेहनत, शोध और रचनात्मक सोच का परिणाम है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रस्तुतियाँ व्यावहारिक और प्रेरणादायक होंगी।
इस कार्यक्रम के नोडल केंद्र प्रमुख डॉ. देवव्रत रॉय ने कहा कि संस्थान छात्रों के उत्थान के लिए पूरे वर्ष इनोवेटिव कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इस प्रतियोगिता में 98 समूहों के 300 छात्रों की स्क्रीनिंग कर चयन किया गया।
कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज की आयोजन समिति पूरी तरह प्रतिबद्ध रही। फ़ैकल्टी कोऑर्डिनेटर प्रो. कौस्तुव कांति मंडल, प्रो. राजीव रंजन साह और आईटी कोऑर्डिनेटर डॉ. अमित कुमार प्रामानिक ने आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। इस प्रतियोगिता ने स्थानीय स्कूलों के सलाहकारों के विचारों को निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया।
कार्यक्रम का समापन 10 घंटे में हुआ, जिसमें प्रतिभागी आयोजन समिति के सुचारू प्रबंधन से प्रभावित दिखे। तकनीकी सहायता और इंटरनेट सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा नहीं आई। दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज की टीम ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को निर्बाध रूप से संपन्न कर अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की सफलता ने यह साबित कर दिया कि कॉलेज प्रौद्योगिकी की उन्नति को प्रभावी रूप से आगे बढ़ा रहा है।