साइबर सुरक्षा सम्मेलन: ट्रैफिक सिस्टम और पब्लिक यूटिलिटी पर बढ़ते खतरे पर मंथन

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नई दिल्ली। शहरी विकास के तेजी से बढ़ते डिजिटलीकरण के बीच भारत के शहरों को साइबर खतरों से सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने गृह मंत्रालय (MHA) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के सहयोग से 18 जुलाई 2025 को विज्ञान भवन में राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया।

सम्मेलन में केंद्रीय मंत्रालयों, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों, राज्य सरकारों और शहरी स्थानीय निकायों के 300 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इस दौरान स्मार्ट सिटी मिशन के सीईओ, नगर आयुक्त, राज्य आईटी सचिवों और CERT-In, NCIIPC जैसे संस्थानों के विशेषज्ञों ने शहरी साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के रोडमैप पर चर्चा की।

इस अवसर पर MoHUA सचिव श्रीनिवास कटिकिथला, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और UIDAI के सीईओ भुवनेश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने संबोधन दिया। मंत्रालय ने शहरों में अनिवार्य सीआईएसओ नियुक्ति, साइबर ऑडिट और एकीकृत सुरक्षा ढांचे को जरूरी बताया।

अधिकारियों ने कहा कि ट्रैफिक सिस्टम, पब्लिक यूटिलिटीज और अन्य स्मार्ट सेवाएं अब साइबर खतरों के प्रति संवेदनशील हो गई हैं। ऐसे में जोखिम प्रबंधन के लिए अंतर-एजेंसी समन्वय बेहद जरूरी है। इस दौरान एसपीवी को नवाचार और नीति अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली संस्थाओं के रूप में पुनः स्थापित करने पर भी चर्चा हुई।

सम्मेलन में इंटेलिजेंस ब्यूरो ने तकनीक-आधारित शासन में उभरते साइबर खतरों को लेकर चेताया और डिजिटल शहरी विकास में सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। अंत में, सभी हितधारकों ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के हर चरण में साइबर सुरक्षा को शामिल करने और एसपीवी को और अधिक सशक्त बनाने पर सहमति जताई।

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