
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में करीब 20,000 से अधिक अवैध भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है, जिन्हें वापस भारत भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्काे रूबियो और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच इस मुद्दे पर चर्चा की योजना है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार इन प्रवासियों को वेरिफाई करने और उनकी वापसी की प्रक्रिया में सहयोग करेगी।
अमेरिका में वर्तमान में 18,000 से अधिक ऐसे भारतीय हैं, जो बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं। इनमें से 17,940 को अंतिम निष्कासन आदेश दिया जा चुका है, जबकि 2,467 भारतीय अमेरिकी इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (प्ब्म्) की हिरासत में हैं।
भारत सरकार अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर काम करने को तैयार है, ताकि इस समस्या का असर भ्-1ठ वीजा और स्टूडेंट वीजा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर न पड़े।
गौरतलब है कि 2023 में भ्-1ठ वीजा के तहत 3.86 लाख लोगों को वीजा दिया गया था, जिनमें लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिक थे। हालांकि, अवैध प्रवासियों की कुल संख्या के मामले में भारतीय नागरिकों का स्थान अन्य देशों की तुलना में कम है।
अवैध प्रवासियों के खिलाफ इस कड़ी कार्रवाई का उद्देश्य अमेरिका में आप्रवासन नीति को सख्त बनाना और देश में बिना दस्तावेजों के रह रहे लोगों की संख्या को कम करना है।