
संताली भाषा के संरक्षण पर मंथन
दुमका में संताल परगना स्टूडेंट्स यूनियन के बैनर तले एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें संताली भाषा और साहित्य की रक्षा तथा विकास पर विस्तृत चर्चा की गई। सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय परिसर में हुई इस बैठक की अध्यक्षता यूनियन के अध्यक्ष विनोद हांसदा ने की। मुख्य अतिथि के रूप में लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी रासका हेम्ब्रम उपस्थित थे।
ओलचिकी लिपि पर विवाद
बैठक में विनोद हांसदा ने कहा, “ओलचिकी अवैज्ञानिक लिपि है, जो संताली भाषा को सही ढंग से अभिव्यक्त नहीं कर पाती। इसलिए देवनागरी लिपि को संताली भाषा के लिए यथावत रखा जाना चाहिए।”
मुख्य अतिथि रासका हेम्ब्रम ने कहा, “ओलचिकी लिपि हमारी सभ्यता और संस्कृति को कमजोर बना देगी। यह साजिश के तहत थोपने का प्रयास है। हमें अपनी भाषा और संस्कृति के मूल स्वरूप को बचाने के लिए देवनागरी का समर्थन करना चाहिए।”
भाषा संरक्षण के लिए छात्रों की भागीदारी
रासका हेम्ब्रम ने छात्रों से अपील की कि वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ भाषा और संस्कृति के संरक्षण के प्रति भी जिम्मेदारी निभाएं। उन्होंने कहा, “भले ही हम ऊंचे पदों पर पहुंच जाएं, लेकिन अपनी जड़ों से जुड़े रहना जरूरी है।”
छात्रों का समर्थन और आगे की योजना
बैठक में उपस्थित छात्रों ने भाषा संरक्षण की इस मुहिम का समर्थन किया। अध्यक्ष विनोद हांसदा ने कहा कि ओलचिकी लिपि की कमियों और इससे होने वाले नुकसान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जाएगा।
इस अवसर पर सचिन सोरेन, जयप्रकाश मुर्मू, उपेंद्र मरांडी, मिंटू मुर्मू, सामुएल सोरेन और एंथोनी हांसदा सहित सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।