उच्च शिक्षा में शोध के प्रारूप को विस्तार से बताया

दुमका। संताल परगना महाविद्यलाय के मानसिक स्वास्थ्य परामर्श केन्द्र (मनोविज्ञान विभाग) व राजनीतिक विज्ञान विभाग की ओर से ‘‘टेक बिल्ट’’ पटना के संयुक्त तत्वाधान में एसपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ खिरोधर प्रसाद यादव की अध्यक्षता में वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। ‘‘रिसर्च मेथोडोलॉजी’’ विषय पर आयोजित सेमिनार में डॉ खिरोधर प्रसाद यादव ने कहा कि शोध का ज्ञान न रहने से शोधार्थी बिन पतवार के नाव पर चढ़े व्यक्ति के समान दिशाहीन लगता है इसलिए शोध का ज्ञान अति आवश्यक है। कार्यक्रम के संयोजक सह मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र के निदेशक डॉ विनोद कुमार शर्मा ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि शोध की गुणवत्ता बढ़ने के बजाय उसमें गिरावट आ रही है। उच्च शिक्षा के टीचिंग, ट्रेनिंग, लर्निंग एंड रिसर्च चार स्तंभ होते है और जिसका रीढ़ में शोध होता है। ये गुणात्मक शोध ही है जिसके कारण न केवल विकास की नयी आविष्यकार के साथ सामाजिक परिवर्तन में अहम योगदान है। ज्योति विद्यापीठ वीमेंस यूनिवर्सिटी जयपुर की मुख्य वक्ता प्रो मिनी अमित अरावतिया ने शोध के खास टिप्स की चर्चा की जिसमें कैसे व क्यो, शोध प्रश्न पर फोकस, नियमित समीक्षा को महत्वपूर्ण बताया। एस एम पटना की प्रो श्वेता रॉय ने शोध लेखन के प्रारूप के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में मंच संचालन टेक बिल्ट पटना की डॉ राज सिन्हा ने सफलतापूर्वक किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ कुमार सौरभ ने किया।. कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ शंभु कुमार सिंह, डॉ इंद्रजीत, डॉ होलिका मरांडी, बसंती हांसदा का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर शिक्षक, शोधार्थी, विधार्थी जुड़े थे।

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