घर से भाग कर ट्रेन से हंसडीहा पहुंच गयी दो बच्चियाँ

दुमका के पुराना दुमका पंचायत क्षेत्र में रहनेवाली दो बच्चियां घर से भाग कर ट्रेन से हंसडीहा पहुंच गयी। आरपीएफ ने दोनों बच्चियों को हंसडीहा थाना पुलिस के हवाले कर दिया। चाइल्डलाइन दुमका की टीम मेंबर निशा कुमारी और शांतिलता हेम्ब्रम ने हंसडीहा से लाकर दोनों बालिकाओं को मंगलवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डा राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी और नूतन बाला ने दो बालिकाओं और उनके अभिभावक का बयान दर्ज किया। 04 वर्षीय बालिका ने बताया कि वह अपनी नानी के साथ रहती है और आंगनबाड़ी में पढ़ाई करती है। 15 अगस्त को वह घर से भाग गयी। हंसडीहा रेलवे स्टेशन पर उसे खाना खिलाया गया और फिर उसे दुमका लाया गया। 10 वर्षीय बालिका ने अपने बयान में बताया कि वह अपनी दादी के साथ रहती है। उसके पिता शराब पीते हैं जबकि मां घर से भाग गयी है। वह अपनी फुफेरी बहन के साथ 15 अगस्त को घर से भाग गयी थी। दोनों ट्रेन में बैठकर हंसडीहा पहुंच गये। रात होने पर अंधेरे से उन्हें डर लगने लगा। इस बीच आरपीएफ वहां आयी और उन्हें भोजन करवाने के बाद हंसडीहा पुलिस को सौंप दिया जहां से चाइल्डलाइल उसे दुमका लायी है। 68 वर्षीय महिला ने समिति को बताया कि इनमें से एक बालिका उसकी नतनी और दूसरी पोती है। उसके चार नाती-पोता हैं जो उसके साथ रहते हैं। किसी की मां नहीं है। वह ही उनकी देखभाल करती है। वह दोनों बालिकाओं को अपने साथ घर ले जाना चाहती है। चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बालिकाओं एवं उनकी नानी-दादी के अनुरोध पर फिलहाल घर भेज दिया गया है। समिति ने एक माह बाद दोनों बालिकाओं को पुनः समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। यदि बालिकाओं के देखरेख में कठिनाई पाई जाती है तो समिति उसे अपने देखभाल और संरक्षण में भी ले सकती है।

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